UP के इस मंदिर में होती है कुत्ते की पूजा, जानिए पूरी वजह
कुत्तो की अनकही कहानी : दोस्तों कुत्तो की मंदिर के बारें में सुन कर आप भी हैरान होंगे कि आखिर कुत्तों की भी पूँजा होती हैं क्या तो मै आपको बता दूँ कि हाँ यह बिल्कुन सत्य हैं कि यूपी में एक स्थान हैं ऐसा हैं जहाँ कुत्तों की मूर्ती बनाकर उनकी मूर्तियों मे माला और उनकी पूँजा की जाती हैं तो अगर आप इस बारें में पूरी जानकारी जानने में इच्छुक हैं तो इस आर्टिकल को पूरा पढ़ें।
कुत्तो की अनकही कहानी
जब टीओआई की एक टीम ने कुत्तें मंदिर के पीछे की अनकही कहानी के बारे में जानने की कोशिश की इसके लिए जब उन्होने मंदिर का दौरा किया तो स्थानीय निवासियों ने उत्साहपूर्वक पीढ़ियो से चली आ रही एक कहानी शेयल की जो कुछ इस प्रकार से हैं।
आपको बता दे कि राष्ट्रीय राजधानी से 60 किलोमीटर दूर उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर जिले के सिकंदराबाद शहर में एक अनोखा मंदिर हैं जहाँ भगवान एक कुत्ता हैं। आपको बता दे कि हिंदू देवताओं से घिरे हुए वहां कुत्ते और उसकी मूर्ति की एक कब्र हैं इसमें हर साल श्रध्दालु श्रध्दापूर्वक अर्पित करते हैं।
इस कहानी के पीछे जो अनकही बाते हैं वो यह है कि एक पूजनीय धर्मगुरु बाबा लटूरिया जिनकी लगभग सौ साल पहले एक कुत्ते से गहरी दोस्ती थीं और यह जो व्यक्ति था वो अंधा था और वह कुत्ता उनके साथ ही रहता था। आप तो जानते हैं कि कहाँ जाता हैं कि कुत्तें जिन्दगी भर साथ निभाते हैं।
बाबा और कुत्तें दोस्ती
मंदिर की देखभाल करने वाले 50 वर्षीय भक्त लक्ष्मण सैनी ने कहा, बाबा और कुत्ता एक दूसरे से जुड़े हुए थे, जब बाबा की मृत्यु हुई तो कुत्ता भी उनकी कब्र में कूद गया लेकिन वहाँ मौजूद लोगो ने कुत्तो को बाहर निकाला लेकिन कुछ घंटो बाद उसकी मौत हो गई। उन बाबा से अलग ना रह सकने पर उसकी मौत हो गई हैं। उसके बाद बंधन का सम्मान करने के लिए हमारे पूर्वजों ने बाबा की समाधि के बगल में ही कुत्ते के लिए एक विश्राम स्थल बनाया और एक कुत्ते की मूर्ति भी स्तापित की गई।
ये मंदिर सिकंदराबाद में स्थित हैं जो लोग इस मंदिर मे प्रार्थना करने आते हैं उनके लिए कुत्ते की कब्र सिर्फ एक स्मारक नही हैं बल्की उनका मानना है कि यह उन्हे नकारात्मक शक्तियों से बचाती हैं। और दूर-दूर से लोग इस मंदिर की मूर्ति में काला धागा बांधने आते हैं उनका मानना है कि ऐसा करने पर उनकी मनोकामना पूरी हो जाएगी। ये मंदिर सिर्फ एक मंदिर से कई अधिक हैं यह मंदिर प्यार और वफादारी का प्रतीक माना जाता हैं।
इस मंदिर से हम सभी लोगो को यह पता चलता हैं कि अपनी दोस्ती के लिए मौत से भी लड़ जाना चाहिए, जो उन लोगो को सांत्वना देती है जो मनुष्य और उसके सबसे वफादार दोस्त के बीच के बंधन में विश्वास करते हैं।